आजकल चिया के बीजों की काफी चर्चा है। इसे सुपर-फूड समझा जाता है। चिया के बीज को साल्विया हिस्पानिका कहते हैं। ये बीज देखने में तुलसी के बीजों की तरह लगते हैं। ये काले, सफेद और कत्थई रंग के होते हैं। इनमें बड़ी मात्रा में फाइबर होता है। इनका इस्तेमाल मोटापे को घटाने के लिए किया जाता है। चिया में फाइबर, प्रोटीन, ओमेगा-३ फैटी एसिड, आयरन, कैल्शियम और कई माइक्रो-न्यूट्रेंट होते हैं। कई एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं।
चिया के बीज डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं। गर्भवती महिलाओं को चिया के बीज की सलाहदी जाती है ताकि उनके शरीर को जरूरी पौष्टिक तत्व मिल सकें। हृदयरोगियों को भी चिया के बीच खाने चाहिए क्योंकि शरीर में जमा अतिरिक्त वसा, कोलोस्ट्रोल और सूजन को खत्म करते हैं। ये आपके चयापचयको बेहतर बनाता है। फाइबर के अतिरिक्त चिया के बीज शरीर में पानी की मात्रा को कायम रखते हैं। अमूमन इन्हें भिगोकर खाने की सलाह दी जाती है। भिगोकर रखने पर ये बहुत सारा पानी सोख लेते हैं। जब ये आपके पेट में जाते हैं तो फैलने लगते हैं। इस तरह पेट भरे होने का अहसास होता है।
चिया के बीज ओमेगा-३ ऑयल का सबसे बडावनस्पति स्रोत हैं। इनमें सामन मछली के मुकाबले ओमेगा-३ ऑयल अधिक होता है। इसलिए अंडों की जगह इन्हें खाने की सलाह दी जाती है। इसलिए ये शाकाहारी लोगों के लिए वरदान की तरह हैं। ये आपकी त्वचा को भी निखारते हैं। और कांति पर उम्र के प्रभाव को कम कर देते हैं। चिया के बीच मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी मजबूत करते हैं। आपके तंत्रिका तंत्र को भी पुष्ट बनाते हैं।
इनका सेवन भिगोकर या पाउडर बनाकर किया जाना चाहिए। एक ग्लास पानी में चिया के एक चम्मच बीज डालकर कुछ देर छोड़ देना चाहिए। जब ये फूल कर चिपचिपे जेल-नुमा हो जायें तब इन्हें खा लेना चाहिए। इन्हें सोते समय खाया जा सकता है। आप चिया के बीजों को सलाद और खिचड़ी में भी डालकर खा सकते हैं। इसके अलावा चिया के बीज ब्रेड, बिस्किट और केक में भी मिलाए जा सकते हैं। प्रोस्टेट कैंसर और गर्भावस्था में इन्हें डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। इसके अलावा हाइपरटेंशन या खून पतला करने की दवा का सेवन करते समय भी चिया के बीजों को नहीं लेना चाहिए।
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सविता सिंह